राहु और सूर्य का मेल रहेगा ( 17/9/2015 से 17/10/2015 तक) , अगले "30 दिन हैं लोगों पर भारी''
राहु ग्रह की नकारत्मक शक्ति इतनी प्रबल है की कोई भी ग्रह राहु के प्रभाव में आते ही शक्ति हीं हो कर अशुभ फल देने लग जाता है गोचर में सूर्य का राहु के छाया प्रभाव में आना ही सूर्य ग्रहण कहलाता है जो की किसी भी जातक की कुंडली में भी हुआ तो ये महीना उसके लिए अशुभ फलकारी होगा ।
सूर्य का राहु से मिलना ही कलंक लगवा देता है । नौकरी से छुट्टी हो जाती है अफसर से झगड़ा हो जाता है । सरकार से जुरमाना लग जाता है । मुकदद्मे में हार तक का मुह देखना पड़ता है । मान सम्मान में कमी आ जाती है और शत्रु हावी हो जाता है । पिता का कारक होने से पीड़ित सूर्य पिता और पुत्र के बीच मतभेद का कारक बन जाता है ।
ऐसे इंसान को पिता का सुख न के बराबर मिलता है जिनकी कुंडली में सूर्य और राहु की युति हो या दृष्टि से मेल हो रहा हो , इसी को पितृ दोष कहा जाता है ।
राहु का गोचर : संवत भर 'कन्या राशि' में रहेगा ।
सूर्य का गोचर : 17 सितम्बर 2015 से 17 अक्टूबर 2015 तक सूर्य भी राहु के साथ कन्या राशि में ही रहेंगे ।
कन्या राशि में बहुत खराब योग बना हुआ है ( राहु+सूर्य+बुध ) मिले हुए हैं जो निश्चित ही हर लग्न अनुसार धनहानि और मान हानि का कारण बनेंगे ।
कन्या / मिथुन / सिंह राशि के लिए विशेष हानिकारक योग है । जिन जातको की कुंडली में राहु के साथ सूर्य या बुध या कोई भी अन्य ग्रह है।विशेष उपाय / दान / मंत्र शक्ति की सहायता लेनी चाहिए ।
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