देवगुरु बृहस्पति का राशि-परिवर्तन ज्योतिष में एक बहुत बड़ा बदलाव होता है। यह ग्रह यानी बृहस्पति इस सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह होने के साथ साथ देवताओं के गुरु भी है। इनका राशि बदलना ज्योतिष की एक बड़ी घटना होती है।
इस वर्ष कल 11 अगस्त 9 दिन गुरुवार) को रात्रि 22:24 बजे बृहस्पति अपने परम मित्र सूर्य की राशि सिंह को छोड़ कर बुध की कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। तक़रीबन तेरह महीनों में देवगुरु अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। अगला बदलाव सितम्बर 12,2017 दिन मंगलवार को सुबह 07:59 बजे होगा जब गुरु तुला राशि में प्रवेश करेंगे। तब तक देवगुरु अपने वैचारिक शत्रु बुध की राशि में विचरण करेंगे।
बृहस्पति की राशि धनु और मीन है और यह उच्च का फल कर्क राशि में देते है जबकि नीच का प्रभाव मकर राशि में। कन्या राशि में गुरु के राशि परिवर्तन का प्रभाव देखें तो गुरु आपके इन स्थानों का मालिक है–चौथे और सातवें।
बृहस्पति आप के पहले भाव में आ रहे हैं व ये आपके चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी भी हैं, अत: आप प्रसन्न रहेंगे। विवाह योग्य लोगों का विवाह तय हो जायेगा। आय में वृद्धि होगी, मित्रों व भाई बंधुओं का भरपूर सहयोग मिलेगा।घर में कई मांगलिक कार्य होने की भी प्रबल सम्भावना है।
गोचर हर मामले में अच्छा है परन्तु किसी भी चीज़ पर अन्धविश्वास ना करें ख़ास तौर पर किसी क़ानूनी कागजात पर हस्ताक्षर करने से पहले सोच समझ लें। किसी की भी कोई जमानत लेने से बचें।
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति अर्थात जुपिटर को गुरु की उपाधि प्राप्त है। संसार के स्मस्त प्राणियों में से इस ग्रह बृहस्पति का प्रभाव सर्वाधिक रूप से ही मानव जीवन पड़ता है क्योंकि बृहस्पति ग्रह को भाग्य, धर्म, अध्ययन, ज्ञान विवेक, मोक्ष, दांपत्य में स्थिरता, यात्रा, क्रय-विक्रय तथा शयनकक्ष और अस्वस्थता व उपचार का भी कारक माना जाता है।
बृहत पाराशर होरा शास्त्रनुसार बृहस्पति मानव जीवन में उसकी शैक्षणिक योग्यता, धार्मिक चिंतन के साथ साथ आध्यात्मिक ऊर्जा, नेतृत्व शक्ति तथा संतति, वंशवृद्धि, विरासत, परंपरा, आचार-व्यवहार, राजनैतिक योग्यता, सभ्यता, पद-प्रतिष्ठा, पैरोहित्य, ज्योतिष तंत्र-मंत्र एवं तपस्या में सिद्धि पर अपना आधिपत्य रखता है।
शास्त्रों ने बृहस्पति ग्रह को हर तरह की आपदा-विपदाओं से धरती और मानव की रक्षा करने वाला ग्रह बताया है।
कन्या राशि वाले जातकों के लिए वर्ष 2016 वैवाहिक जीवन में शुभ संदेश के साथ शुरूआत कर रहा है। वर्ष के प्रारंभ में आपका सप्तमेश सिंह राशि में आपकी राशि से बारहवें स्थान में होने से जीवन साथी के साथ विदेशगमन की प्लानिंग कर सकते हैं।इस समय के कई अविवाहित जातकों को भी विदेश से रिश्ता आने का योग है।इस दिशा में कोई बात चल रही हो अथवा बात करनी हो तो सकारात्मक उत्तर की अपेक्षा रख सकते हैं।
शादीशुदा लोग जीवन साथी के साथ बहसबाजी न करें अन्यथा आपके बीच मदभेद बढ़ेगा एवं कुछ रोमांटिक पलों के आनंद के बदले एक दूसरे को मनाने में समय निकल जाएगा। अगस्त महीने से जब गुरू महाराज आपकी राशि में आएंगे, जिससे आपकी जीवनसाथी के साथ आत्मीयता बढ़ेगी। अविवाहित जातकों की भी मनोकामना पूरी होती दिखाई देगी।
Edited by: Editor




1 टिप्पणियाँ:
jupiter ki dasha ko karoghar nakstar btaye
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